कांग्रेस को यूपी में कुछ लेना है तो दूसरे राज्यों में सपा को देना भी पड़ेगा
चार में दो राज्यों की चुनाव तिथियां घोषित हो चुकी हैं। यूपी में कांग्रेस को छह सीटें जितवाने वाली सपा हरियाणा, जम्मू-कश्मीर और महाराष्ट्र में कुछ सीटें कांग्रेस से चाहती है। सपा का संदेश साफ है कि यूपी के उप चुनाव में कुछ सीटें चाहिए तो उन्हें भी कांग्रेस दूसरे राज्यो में सीटें दे। सपा अपना स्वरूप राष्ट्रीय बनाना चाहती है।
- एसपी सिंह-
आगरा। लोकसभा चुनाव में यूपी की 37 सीटें जीतकर देश में तीसरे नंबर की पार्टी बनी समाजवादी पार्टी अब राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल करने को प्रयासरत है। इसी के तहत सपा ने हरियाणा, जम्मू कश्मीर और जल्द होने जा रहे महाराष्ट्र व झारखंड के विधान सभा चुनाव पर फोकस कर दिया है। सपा यूपी में साझीदार रही कांग्रेस ने इन राज्यों में सीटें मांग रही है।
समाजवादी पार्टी की ओर से कांग्रेस नेतृत्व को यह भी अहसास कराया जा रहा है कि अगर कांग्रेस ने इन राज्यों में उसे महत्व नहीं दिया तो फिर यूपी में दस सीटों पर होने जा रहे उप चुनाव में सपा हिसाब बराबर कर लेगी। बता दें कि यूपी में कांग्रेस दस में से पांच सीटों पर लड़ने की इच्छा सपा नेतृत्व के समक्ष जता चुकी है।
कांग्रेस राज्य इकाइयां नहीं दे रहीं भाव
कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व तो नहीं, राज्य इकाइयों की ओर से सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को वही अहसास कराया जा रहा है जैसा मध्य प्रदेश के चुनाव में कमलनाथ ने कराया था। हरियाणा कांग्रेस के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उनके बेटे दीपेंद्र हुड्डा ने साफ-साफ कह दिया है कि समाजवादी पार्टी का हरियाणा में क्या काम। सपा का तो यहां कोई जनाधार ही नहीं है। सपा ने मध्य प्रदेश में भी सीटें मांगी थीं। कांग्रेस ने उन्हें एक भी सीट नहीं दी थी। और तो और अखिलेश यादव की मांग के बारे में पूछने पर कमलनाथ ने यह कहकर अखिलेश यादव की खिल्ली उड़ाई थी कि छोड़ो अखिलेश-वखिलेश।
राष्ट्रीय दर्जा न होना सपा की पीड़ा
समाजवादी पार्टी यूपी में भले ही कितनी ही बड़ी पार्टी क्यों न हो, राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा न होना उसकी पीड़ा है। 12 साल पहले बनी आम आदमी पार्टी के पास राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा है। सपा की प्रबल प्रतिद्वंद्वी बसपा भी एक बार राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल कर चुकी है। सबसे बड़े राज्य में व्यापक जनाधार रखने वाली सपा को यह दर्जा न हो तो पीड़ा स्वाभाविक है।
बुलंदियों पर है अखिलेश का हौसला
कई चुनावों में झटका खाने के बाद 2024 के लोकसभा चुनाव में अखिलेश ने अपने पिता जैसा ऐसा चरखा दांव चला कि सत्तारूढ़ भाजपा पस्त हो गई। सपी ने यूपी की 37 सीटें तो जीती हीं, अपनी सहयोगी कांग्रेस की झोली में भी छह सीटें डलवा दीं।
लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद से ही अखिलेश यादव का हौसला आसमान पर है। अब उनका ध्यान सपा को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दिलाने पर है। सपा प्रमुख हरियाणा में कम से कम पांच सीटें कांग्रेस से मांग रहे हैं। ये वह सीटें हैं जहां यादव मतदाता बहुतायत में हैं।
जम्मू-कश्मीर में भी सपा लड़ेगी
कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर में नेशनल कान्फ्रेंस से गठबंधन कर सपा के लिए रास्ते बंद कर दिए हैं। ऐसे में सपा ने अपने बूते वहां चुनाव लड़ने का फैसला किया है। सूचनाएं हैं कि समाजवादी पार्टी अपने बूते जम्मू-कश्मीर की सात-आठ सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है। वहां के सपा प्रदेश अध्यक्ष से प्रत्याशियों के नाम भी मांग लिए गए हैं।
महाराष्ट्र में 10 से ज्यादा सीटों की मांग
समाजवादी पार्टी महाराष्ट्र में भी कांग्रेस से सीटें मांग रही है। महाराष्ट्र में कांग्रेस का शिवसेना (उद्धव) और एनसीपी (शरद पवार) से पैक्ट है। इन्हीं तीनों दलों में सीटों के बंटवारे पर मारामारी चल रही है। ऐसे में सपा की ओर से दस से ज्यादा सीटों पर दावेदारी कांग्रेस की परेशानी बढ़ाने वाला है। अखिलेश महाराष्ट्र की उन सीटों पर दावा जता रहे हैं जहां मुस्लिम और उत्तर भारतीय मतदाता बहुतायत में हैं।
कांग्रेस ने सीटें न दीं तो यूपी में आइना दिखाएगी सपा
अब देखना यह है कि इन तीन राज्यों में सपा की मांग पर कांग्रेस क्या रुख दिखाती है। इतना तय है कि अगर सपा को कांग्रेस ने सीटें नहीं दीं और सपा ने अपने उम्मीदवार उतारे तो भाजपा विरोधी मतों में बंटवारा होगा, भले ही वह आंशिक ही हो। दूसरी ओर यूपी के उप चुनाव में कांग्रेस के सीटें मांगने पर अखिलेश उसे आइना दिखाएंगे।
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