जादू कैसे बचे, देश के 200 जादूगर आगरा में करेंगे मंथन
देश भर के जादूगर इस बात को लेकर चिंतित हैं कि जादू की कला का अस्तित्व खतरे में है। अपनी इस कला को बचाए रखने के लिए 200 जादूगर शनिवार को आगरा में मंथन करने जा रहे हैं।
आगरा। सोशल मीडिया ने जादू की कला के लिए खतरा पैदा कर दिया है। जादू कला प्रदर्शित करने वाले कलाकारों के सामने अपनी इस कला को बचाए रखने की चुनौती है। देश भर के 200 जादूगर कल आगरा में इसी बात पर मंथन करेंगे कि इस कला के अस्तित्व को कैसे बचाया जाए।
देश भर के जादूगरों ने अपनी एक संस्था बना रखी है। आगरा के प्रमुख जादूगर अखिलेश इस संस्था के संरक्षक हैं। आगरा के ही जादूगर जितेंद्र बघेल इस समय संस्था का अध्यक्ष पद संभाल रहे हैं। एस कुमार के पास कोषाध्यक्ष और संजय जादूगर के पास सचिव पद का दायित्व है। इन्हीं चारों की पहल पर देश भर के 200 जादूगर आगरा पहुंच रहे हैं। यहां ये सभी इस बात पर मंथन करेंगे कि विलुप्त होती जा रही जादू की कला को कैसे जीवित रखा जाए।
जादूगर अखिलेश बताते हैं कि सोशल मीडिया ने जादू की कला के लिए खतरा पैदा कर दिया है। सोशल मीडिया पर सब कुछ मौजूद रहने की वजह से लोग अब हम जादूगरों के शो में नहीं पहुंचते। पहले जादू के शो को देखने का लोगों में क्रेज रहता था। इसी खतरे को देखते हुए देश भर के 200 जादूगर अयोध्या भी पहुंचे थे। उद्देश्य यह था कि अयोध्या में जादू के शो कर श्रीराम मंदिर पहुंचने वाले देश भर के लोगों का ध्यान इस कला की ओर खींचें, लेकिन अनुमति न मिल पाने की वजह से वे ऐसा नहीं कर सके।
जादूगर चाहते हैं कि इस कला को बचाने के लिए सरकार आगे आए। इसे भी ललित कला की श्रेणी में लाकर सरकार जादू के उत्थान के लिए काम करे। बगैर सरकारी सहायता के इस कला को बचाए रखना संभव नहीं होगा।
देश भर के 200 जादूगरों का सम्मेलन पचकुइयां स्थित माथुर वैश्य सभा भवन में होगा। आंध्र प्रदेश, केरल, बंगाल, पंजाब, राजस्थान, यूपी समेत अन्य राज्यों के जादूगर आगरा पहुंचना शुरू हो गए हैं। इन सभी को होटलों में ठहराया गया है। सम्मेलन में होने वाले मंथन से जो निष्कर्ष निकलेगा, उसे लेकर जादूगर अपने-अपने राज्यों में सरकार के दरवाजे पर दस्तक देंगे।
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