aurguru news: जीएसटी क्लेम की मानवीय भूलों में व्यापारियों का उत्पीड़न
आगरा। समाजवादी पार्टी के नेता एवं उत्तर प्रदेश व्यापार कर सलाहकार समिति के पूर्व सदस्य विनय अग्रवाल ने कहा है कि अधिकारियों ने जीएसटी के नियम इस तरह के बना दिए हैं कि व्यापारी उत्पीड़ित हो और अफसरशाही को दक्षिणा देने को मजबूर हो जाए।
श्री अग्रवाल ने एक बयान में कहा कि जीएसटी जब लागू किया गया था तो व्यापारियों को बताया गया था यदि कोई मानवीय भूल है जिसमें जीएसटी की चोरी नहीं है तो उसमें नोटिस नहीं दिए जाएंगे और व्यापारी का किसी प्रकार का उत्पीड़न नहीं किया जाएगा। अब देखा गया है कि वर्ष 2017-18 और 2018-19 आदि के केसों में जीएसटी के हेड में गलत क्लेम कर लिए गए हैं, लेकिन कर की कोई चोरी नहीं है। सिर्फ हेड का अंतर है, फिर भी व्यापारियों को नोटिस दिए गए हैं और उनके खिलाफ आदेश पारित किए जा रहे हैं। उनका उत्पीड़न भी किया जा रहा है। जीएसटी काउंसिल की आगामी नौ सितंबर को दिल्ली में मीटिंग होने जा रही है। जीएसटी की गवर्निंग काउंसिल से अपेक्षा है कि इस बैठक में अधिकारियों को यह स्पष्ट कर दिया जाए कि यदि कोई मानवीय भूल है तो व्यापारियों का उत्पीड़न न किया जाए। मानवीय भूल को जीएसटी डिपार्टमेंट स्वयं सही कर ले या व्यापारी को स्वयं भूल सुधारने का मौका दिया जाए।
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