खुद के सिर में कांच घुसा हुआ था और देवीदास दूसरों को बचाने में जुटा रहा
फतेहाबाद/आगरा। फतेहाबाद थाना क्षेत्र में आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे के 27वें माइल स्टोन पर शनिवार तड़के हुए भीषण सड़क हादसे के बाद दुर्घटनाग्रस्त बस में फंसे लोग जहां मदद के लिए चीख-पुकार कर रहे थे, उन्हीं लोगों में से एक युवक ऐसा भी था जो खुद को गंभीर चोटें लगने के बावजूद दूसरे यात्रियों को बस से निकालने में जुटा रहा।

इस युवक ने एक-एक कर चार घायलों को बस से बाहर निकाला। बस के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद कोई किसी की मदद करने की स्थिति में नहीं था। ऐसे में मुंबई का एक युवक आगे आया। इसके बाद भी मुंबई के इस युवक ने खुद की परवाह न कर दूसरे घायलों को बाहर निकाला और एंबुलेंस में बैठाकर अस्पताल भिजवाया।
मुंबई के ठाणे का निवासी जिम कर्मचारी देवीदास पुत्र मंगल सिंह कछवाहा अपनी पत्नी कोमल के साथ प्रयागराज के साथ-साथ वाराणसी दर्शन के लिए गया था। शुक्रवार रात वह भी इस बस से सफर कर जयपुर जा रहा था। फतेहाबाद में हुई दुर्घटना के बाद फतेहाबाद सीएचसी पहुंचे देवीदास ने बताया कि वह सुबह करीब 5:00 बजे अपना मोबाइल चला रहा था। इसी बीच धमाके के साथ बस ने ट्रक में टक्कर मार दी।
देवीदास ने बताया कि एक बार को वह भाव शून्य हो गया। उसके सिर और हाथ में बस की खिड़कियों के कांच घुस गए। उसकी पत्नी भी पास में बैठी थी। वह भी घायल हो गई। तत्काल उसने अपनी पत्नी को बस से बाहर निकाला और इसके बाद उसने अन्य घायलों को बाहर निकालना शुरू किया। स्वयं के घायल होने के बावजूद अपनी चिंता ना करते हुए उसने दो महिलाओं और एक बच्चे के अलावा एक बुजुर्ग को क्षतिग्रस्त बस से बाहर निकाला।
इसके बाद देवीदास की हिम्मत जवाब दे गई तथा वह निढाल होकर जमीन पर बैठ गया। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र फतेहाबाद पहुंचने पर भी उसने अपने इलाज के लिए कोई जल्दबाजी नहीं की तथा स्वास्थ्यकर्मियों से अन्य घायलों का इलाज करने को कहा। मानवता की ऐसी मिसाल देखकर स्वास्थ्य केंद्र पर मौजूद सभी लोगों ने उसकी प्रशंसा की। बाद में स्वास्थ्यकर्मियों ने उसे खाना आदि खिलाया तथा आगरा भेजने की व्यवस्था की।