बरसाना में राधाजन्म पर उमड़ा आस्था का सैलाब, 20 लाख ने किए दर्शन
बरसाना में राधारानी के जन्मोत्सव पर आस्था का ऐसा सैलाब उमड़ा का व्यवस्थाएं बनाने में प्रशासन के भी हाथ पांव फूल गए। सुबह चार बजे से दिन भर लगभग 20 लाख श्रद्धालुओं ने लाड़ली जी के मंदिर पहुंचकर जन्म दर्शन किए।
बरसाना। राधाष्टमी के मौके पर आज बरसाना में बाबा वृषभान के महल लाडली मंदिर में आस्था का ऐसा सैलाब उमड़ा कि पुलिस प्रशासन की व्यवस्थाएं चरमराती दिखीं। जिधर देखो, उधर भक्तों का रेला आता और जाता दिख रहा था। रसिक भक्तों की शिरोमणि और आराध्य राधाजी के दर्शन के लिए हर कोई उतावला था। सुबह चार बजे मंदिर के सेवायतों ने मंदिर की घंटी बजाई तो घंटे-घड़ियालों की ध्वनि गुंजायमान हो उठी। इसी ध्वनि के मध्य आचार्यो के द्वारा वेद मंत्रों का उच्चारण करके सेवायतों ने राधाजी का जन्माभिषेक मनो पंचामृत से कराया।
प्रशासन को श्रद्धालुओं की भारी भीड़ की उम्मीद पहले से थी, इसलिए बरसाना में तीन हजार पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे। राधाष्टमी की पूर्व संध्या से चला बधाई का तांता देर रात्रि तक चलने के बाद रात्रि में सभी धर्मशाला, गेस्ट हाउस और भंडारे स्थलों में भजन कीर्तन चल रहे थे।योगिराज कृष्ण की आह्लादिनी शक्ति के धराधाम पर अवतरित होने की घड़ी नजदीक आई तो श्रद्धालुओं का हुजूम लाड़लीजी मंदिर की तरफ बढ़ने लगा।
अष्टमी तिथि की भोर में चार बजे सेवायत विष्णु गोस्वामी, सौरभ गोस्वामी, संजू गोस्वामी, दीपक गोस्वामी के संग एक दर्जन सेवायतों ने राधारानी के विग्रह को गर्भ गृह से बाहर जगमोहन में चांदी के सिंहासन पर चांदी के पात्र को कमल पुष्पों से आजकर उसमें राधा रानी को विराजमान कराया। आचार्यों द्वारा वेद मन्त्रों की ऋचाओं का मंत्रोच्चारण करते हुए घंटे घड़ियाल की ध्वनि के मध्य सप्त अनाज, सत्ताईस कुओं का जल, सत्ताईस पेड़ों की पट्टी, ब्रज रज, इत्र, 21किलो घृत, 2 कुंटल घी, 2 कुन्तल दही, 11 किलो फल, 5 किलो पंच मेवा से बरसाना की लाडली बेटी राधा रानी के अभिषेक दर्शन कराए गए।
राधारानी के अभिषेक दर्शनों के साक्षी करीब 2 0 लााख श्रद्धालु बने। इससे पहले 3 बजे से बधाई समाज गायन के मुखिया राम भरोसी गोस्वामी के नेत्रत्व में मंदिर परिसर में बरसाना वासियों ने दाई लीला, नाइ लीला, मान सवासिनी, ढाडी लीला के पद गए। राधाजी का जन्म मूल नक्षत्र में होने के कारण मंदिर के गर्भ ग्रह के अंदर सेवायतों ने हवन पूजन कर मूल शांति का हवन किया गया। भीड़ नियंत्रण करने के लिए जगह जगह बैरियर लगाए गए थे।
राधारानी मंदिर जयकारों से गूंजता रहा। राधा जन्म के दर्शनों को श्रद्धालु एक-दूसरे को धक्का देकर येन केन अभिषेक दर्शन कर अपने आप को कृतज्ञ कर रहे थे। एक घंटा तक चले अभिषेक दर्शनों के दौरान लाखों श्रद्धालुओं ने राधारानी के दर्शन किये। इसके बाद मंगला आरती के दर्शन स्वर्ण रजत पालने में कराए गए । भक्तों का रेला राधारानी को बधाई देने श्री जी के निज महल की तरफ पहुंचने लगा। यह शिलशिला देर शाम तक चलता रहा।
नंदगांव भी पीछे नहीं रहा
बृषभान के आंगन में कीरत सुता राधारानी के प्रकट्य होते ही नन्दगांव कहां पीछे रहता वहां से भी नन्दबाबा सहित पूरा गांव बृषभान बाबा को बधाई देने बरसाना पहुंच गया। वहीं देश के कोने कोने से आये लाखों श्रद्धालुओं के टोल ही टोल बधाई देने लाड़लीजी महल में पहुंचने लगे। इस दौरान भक्तों ने वस्त्र, नगदी न्योछावर, मिठाई, खेल, खिलोना मंदिर में भेंट की। इस दौरान कोई बधाई लेने में मगन था तो कोई देने में मगन था। श्रद्धालुओं के हाथ में वस्त्र, टॉफी, खिलौना, बिस्कुट थे और हर कोई नाचता जा रहा था। इसी प्रकार लाखों श्रद्धालु बधाई देकर अपने गंतव्य की तरफ वापिस लौट रहे थे। बधाई देने का शिलशिला देर रात्रि तक चलता रहा।
शाम को निकली वृषभान नंदनी की शोभायात्रा
राधाष्टमी की शाम को लाड़लीजी महल में राधारानी की शोभायात्रा निकालकर श्रीजी के विग्रह को सफेद छतरी में विराजमान किया। उसके बाद किशोरिजू ने अपने भक्तों पर कृपा का सागर वर्षा के फुहारों के मध्य बरसाया। लाड़ली के जन्म की खुशी में पुजारियों ने प्रसाद के रूप में पुआ बांटे। बुधवार को राधाष्टमी की शाम पांच बजे लाड़लीजी मंदिर में राधाकृष्ण के विग्रह को डोला में विराजमान कर शोभायात्रा निकाली गयी। राधा जी के डोले का इंद्रदेव में रिमझिम फुहारों से स्वागत किया तो भक्त फूलों की वर्षा कर रहे थे।
कल दो और एक महिला बेहोश हुई
लाखों की संख्या में राधाष्टमी महोत्सव में अपने प्राणों की परवाह नहीं करते हुए श्रद्धालु राधाजी की धाम बरसाना पहुंचे। कल दो श्रद्धालुओं के लाडलीजी मंदिर में बेहोश होने के बाद भी प्रशासन ने कोई सबक नहीं लिया। आज भी वृषभानोत्सव में एक महिला श्रद्धालु की तबियत भीड़ के दबाव में मंदिर के अंदर बेहोश हो गई। वहां तैनात सुरक्षा कर्मियों और मंदिर के सुरक्षा गाडों को हाथ पांव फूल गए। आनन फानन में एसडीएम छाता श्वेता ने भीड़ को मंदिर के अंदर आने से रूकवाकर महिला को बचाने का प्रयास किया। प्राथमिक उपचार दिलाया गया। बेहोश हुई महिला होडल की पुष्पा देवी थीं।
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