विकसित और वैचारिक सम्पन्न राष्ट्र के निर्माण का मार्ग है पंच परिवर्तन

आगरा। समाज परम वैभव सम्पन्न बने और विकसित भारत का निर्माण हो, इसके लिए स्वदेशी, पर्यावरण, सामाजिक समरसता, कुटुम्ब प्रबोधन और नागरिक कर्तव्य इन पंच परिवर्तनों को अपने जीवन में उतारने की आवश्यकता है। सम्भावना से युक्त व्यक्ति हार में भी जीत देखता है तथा सदा संघर्षरत रहता है। अतः पंच परिवर्तन उभरते भारत की चुनौतियों का समाधान करने में समर्थ है।

Feb 25, 2025 - 22:46
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विकसित और वैचारिक सम्पन्न राष्ट्र के निर्माण का मार्ग है पंच परिवर्तन
बाग फ़रज़ाना स्थित संस्कृति भवन में ताज महोत्सव समिति और विश्व संवाद केंद्र द्वारा आयोजित संगोष्ठी में मंचस्थ विभाग प्रचारक आंनद, डॉ. शिवानी चतुर्वेदी, विभाग संघ चालक राजन आदि।

ताज महोत्सव समिति और विश्व संवाद केंद्र के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित संगोष्ठी 

यह कहना है राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के आगरा विभाग प्रचारक आनंद कुमार का। मंगलवार को ताज महोत्सव समिति व विश्व संवाद केंद्र के संयुक्त तत्वावधान में एक संगोष्ठी आयोजित की गई। 

'पंच परिवर्तन लोक जागरण के आलोक में' विषय पर संस्कृति भवन के सभागार में उपस्थित प्रबुद्धों को संबोधित करते हुए आनंद कुमार ने कहा कि पंच परिवर्तन में समाज में समरसता पर्यावरण-अनुकूल जीवनशैली, पारिवारिक मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए पारिवारिक जागृति, जीवन के सभी पहलुओं में भारतीय मूल्यों पर आधारित 'स्व' (स्वत्व) की भावना पैदा करने का आग्रह जैसे आयाम शामिल हैं।

संगोष्ठी की मुख्य अतिथि वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. शिवानी चतुर्वेदी ने कहा कि पंच परिवर्तन केवल चिंतन और अकादमिक बहस का विषय नहीं है, बल्कि कार्रवाई और व्यवहार का विषय है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण को बचाना है तो स्वयं को थैला लेकर बाजार निकलना पड़ेगा। पंच परिवर्तन के विषयों की समाज में सफलता भी मातृशक्ति से जुड़ी है। 

वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. देवाशीष भट्टाचार्य ने कहा कि पहली बार किसी चुनाव में यमुना प्रदूषण मुद्दा बना। यमुना इसलिए भी मैली है, क्योंकि हमें न​दियों के किनारे जाना बंद कर दिया। यमुना जीवनदायिनी है। समाज को समय निकालकर यमुना के समीप जाना होगा। होक्योपैथिक चिकित्सक डॉ. पवन पारीख ने कहा कि व्यवहार में पंच परिवर्तन को समाज में किस प्रकार लागू करना है इस हेतु हम समस्त भारतीय नागरिकों को मिलकर प्रयास करने होंगे। 

विभाग संघचालक राजन चौधरी ने कहा कि छोटी-छोटी बातों से प्रारंभ कर उनके अभ्यास के द्वारा पंच परिवर्तन को अपने स्वभाव में लाने का प्रयास करना होगा। 

संगोष्ठी की अध्यक्षता प्रो. लवकुश मिश्रा ने की। अति​थियों का स्वागत संगोष्ठी के संयोजक विभाग प्रचार प्रमुख मनमोहन निरंकारी और संचालन मधुकर चतुर्वेदी ने किया। कार्यक्रम में प्रांत व्यवस्था प्रमुख दिलीप कुमार, गुरमीत कालरा, रजत सिंघल, विनीत शर्मा, मनी चढ्ढा, बबीता पाठक, विजय सामा, स्वर्ण लता ओबेरॉय, डॉ. हितेश लवानियां, शरद चौहान, अवधेश उपाध्याय आदि नगर के गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।