पांच करोड़ डकारने के लिए करायी जा रही ओएमआर शीट पर परीक्षाएं- औटा
विवि की परीक्षाओं को लेकर औटा और विवि में ठन गई है। विवि ओएमआर शीट पर परीक्षा कराने का निर्ण य कर चुका है तो औटा ने विवि का असहयोग करने का फैसला किया है.। औटा अध्यक्ष डा. पुष्पेंद्र सिंह का कहना है कि पांच करोड़ रुपये डकारने के लिए विवि लिखित परीक्षा नहीं कराना चाहता।
आगरा। ओएमआर शीट पर विश्वविद्यालय की परीक्षाएं कराने को लेकर औटा और विवि आमने-सामने आ गए हैं। औटा अध्यक्ष डा. पुष्पेंद्र सिंह ने कहा है कि लिखित परीक्षाएं न कराने का कारण परीक्षाओं में व्यय होने वाले लगभग चार-पांच करोड़ रुपये का बंदरबांट करना है। क्योंकि परीक्षा में होने वाले व्यय का कोई आडिट नहीं होता। इसका कोई हिसाब नहीं देना होता कि पेपर कितने रुपये में कहां से छपवाए गए। एजेंसी को कितना पैसा दिया गया।
इस आरोप के बारे में विवि के कुलसचिव प्रो. पीके सिंह ने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया। उनका कहना था कि इसका जवाब परीक्षा नियंत्रक दे सकते हैं। कुलसचिव का परीक्षा से कोई लेना देना नहीं है। इस संबंध में जब फोन पर परीक्षा नियंत्रक से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने फोन का कोई जवाब नहीं दिया।
औटा अध्यक्ष का कहना है कि यह विवि का कोरा बहाना है कि सत्र नियमित करने के लिए ओएमआर शीट पर परीक्षा कराई जा रही है। मुख्य कारण लिखित परीक्षा में होने वाले व्यय और एजेंसी को दिए जाने वाली फीस को खुर्दबुर्द करना है। औटा के शिक्षक इन परीक्षाओं में विवि का कोई सहयोग नहीं करेंगे। नांही विवि के युवोत्सव, नैक का निरीक्षण अथवा दीक्षांत समारोह में हिस्सा लेंगे।
औटा अध्यक्ष का कहना है कि ओएमआर शीट पर परीक्षा कराने का एक अन्य कारण नकल को प्रोत्साहित करना है। सेल्फ फाइनेंस कालेज की लाबी विवि पर हावी है। वे चाहते हैं कि उनका रिजल्ट अच्छा रहे जिससे आगामी सत्र में प्रवेश लेने वाले छात्रों की संख्या बढ़े। आब्जेक्टिव प्रश्नों के उत्तर का नकल कराना बहुत आसान होता है। एक शिक्षक एक परीक्षा कक्ष में बोलकर आधा घंटे में पूरा प्रश्नपत्र हल करा सकता है।
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