पटाखे चलाएं पर आंखों को बचाकर चोट लगने पर आंख रगड़ें नहीं
दिवाली पर पटाखे से आंख पर चोट लगने के बहुत केस सामने आते हैं। चिकित्सकों का कहना है कि पटाखे से चोट लगने की दशा में कभी भी आंख को रूमाल अथवा हाथ से रगड़ना नहीं चाहिए। बिना चिकित्सक की सलाह के कोई ट्यूब अथवा दवा नहीं डालनी चाहिए
आगरा। दिवाली पर हर साल पटाखों से आंख को इंजरी होने के मामले सामने आते हैं। इनमें से सर्वाधिक 35 प्रतिशत से अधिक मामले बोटल राकेट तथा बोंब से लगने वाली चोट से होते हैं।
नेत्र रोग विशेषज्ञों का कहना है कि पटाखे से आंख में लगने वाली चोट पर किसी केमिस्ट से पूछ कर ट्यूब अथवा दवा नहीं डालनी चाहिए। इससे आंख की चोट बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है।
प्रसिद्ध नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. प्रदीप साने बताते हैं कि प्रतिवर्ष दीवाली पर चार-पांच केस पटाखे से आंख में लगने वाली चोट के उनके पास आते हैं।
डा. साने का कहना है कि पटाखे हमेशा दूर से चलाने चाहिए। अगर किसी पटाखे से आंख में चोट लग जाए अथवा आंख में बारूद घुस जाए तो कभी भी आंख को रूमाल से अथवा हाथ से नहीं रगड़ना चाहिए। इससे जख्म बढ़ जाता है। आंख को केवल ठंडे पानी से अच्छी तरह धोना चाहिए तथा जल्द से जल्द किसी नेत्र रोग विशेषज्ञ को दिखाना चाहिए।
डा. साने ने बताया कि अक्सर ऐसा होता है कि लोग चिकित्सक के पास जाने के बजाय केमिस्ट की सलाह से ट्यूब अथवा तरल दवा आंख में डाल लेते हैं।
आंख पर लगने वाली चोट अथवा जख्म में कभी भी स्टेरायड नहीं दिया जाता। स्टेरायड से जख्म और बढ़ जाता है। केमिस्ट यह तथ्य नहीं जानते तथा अक्सर स्टेरायड वाली दवा दे देते हैं। इससे आंख की हालत और बिगड़ जाती है।
कई मर्तबा पटाखे की तेज रोशनी से आंख से धुंधला दिखने लगता है। ऐसी स्थिति में केवल आंख को ठंडे पानी से धोना चाहिए।
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