जर्मनी से 90 हजार भारतीय कामगारों को मिलेगा वीजा, पीएम ने अरिहा शाह का मुद्दा भी उठाया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज के बीच शुक्रवार को मीटिंग हुई। इस दौरान भारत ने जर्मनी में रह रही तीन साल की बच्ची अरिहा शाह का मामला उठाया। अरिहा पिछले 36 महीनों से जर्मनी में फॉस्टर केयर में है। साथ ही पीएम मोदी ने जर्मनी में कुशल भारतीय कामगारों के लिए वीजा की संख्या बढ़ाकर 90,000 प्रति वर्ष करने के फैसले की भी घोषणा की।
नई दिल्ली। पीएम मोदी ने कहा कि भारत लोकतंत्र, आबादी, डिमांड और डेटा के मजबूत स्तंभों पर खड़ा है। जर्मनी को कुशल पेशेवरों की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है। जर्मनी अपनी इस कमी को पूरा करने के लिए भारत के प्रतिभाशाली लोगों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।
विदेश सचिव विक्रम मिश्री ने एक मीडिया ब्रीफिंग में बताया कि अरिहा शाह के मामले में चांसलर ने पीएम मोदी को आश्वासन दिया है कि वह इस मुद्दे पर बहुत बारीकी से नजर रखे हुए हैं। अरिहा के माता-पिता भावेश और धारा शाह महाराष्ट्र के ठाणे जिले के मीरा भायंदर के रहने वाले हैं। अरिहा पर मामूली शारीरिक शोषण के आरोपों के बाद से 36 महीनों से भी ज्यादा समय से जर्मनी में फॉस्टर केयर में है।
मिश्री ने कहा कि इस मामले पर हम बहुत बारीकी से नज़र रख रहे हैं। बर्लिन में हमारे दूतावास ने इसे उठाया है। जब कुछ हफ्ते पहले विदेश मंत्री जर्मनी में थे, तो उन्होंने अपने समकक्ष के साथ इस मुद्दे को बहुत मजबूती से उठाया था। अरिहा शाह तीन साल की भारतीय बच्ची है, जो जर्मनी में एक जटिल कानूनी मामले में फंसी हुई है। अरिहा के माता-पिता भारतीय नागरिक हैं और काम के सिलसिले में जर्मनी में रह रहे थे। अरिहा के माता-पिता ने उस पर कथित चोटों की रिपोर्ट की थी, लेकिन जर्मन अधिकारियों ने शक जताते हुए इसे संभावित दुर्व्यवहार माना। इसके बाद जर्मन बाल सुरक्षा एजेंसियों ने अरिहा को अपने संरक्षण में ले लिया और उसे एक फोस्टर केयर में रख दिया।
इस मामले ने भारतीय और जर्मन सरकार के बीच चर्चा और प्रयासों का भी मुद्दा बना दिया है। भारत सरकार इस मामले को लेकर काफी सक्रिय है और भारत में अरिहा की वापसी के लिए कोशिश कर रही है। उनका तर्क है कि बच्ची का पालन-पोषण भारतीय सांस्कृतिक परिवेश में होना चाहिए और उसके परिवार के साथ होना उसके सर्वोत्तम हित में है।
उन्होंने कहा कि मैं पुष्टि कर सकता हूं कि जर्मन चांसलर के साथ बैठक में भी इसे उठाया गया था। हमने सभी स्तरों पर जर्मन पक्ष को बताया है कि एक भारतीय बच्ची का ऐसे वातावरण में पलना जो उसका अपना नहीं है - सांस्कृतिक, धार्मिक, भाषाई वातावरण - कुछ हद तक अप्राकृतिक है और इस स्थिति का समाधान करने की जरूरत है। विदेश सचिव ने कहा कि शोल्ज ने मोदी को आश्वासन दिया कि वह इस मुद्दे पर बारीकी से नजर रखे हुए हैं और इस पर ध्यान देना जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि मुझे यकीन है कि दोनों पक्ष विभिन्न माध्यमों से इस मुद्दे पर संपर्क में रहेंगे।
पीएम मोदी ने शुक्रवार को जर्मन बिजनेस के एशिया-पैसिफिक सम्मेलन में बोलते हुए घोषणा की कि जर्मनी ने कुशल भारतीयों के लिए वीजा की संख्या 20,000 से बढ़ाकर 90,000 प्रति वर्ष करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि इससे जर्मनी के आर्थिक विकास को और बढ़ावा मिलेगा। जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज के साथ सम्मेलन में भाग लेते हुए, मोदी ने कहा कि जर्मनी का समग्र दृष्टिकोण और रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता स्पष्ट रूप से दिखाई देती है। मोदी ने कहा कि यह भारत के विकास की कहानी में शामिल होने का सही समय है... भारत एक वैश्विक व्यापार और विनिर्माण केंद्र बन रहा है।
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