वृंदावन में 300 पेड़ रातों-रात मशीनों से काट डाले, एनजीटी स्तब्ध

क्षुब्ध सांसद हेमामालिनी ने मुख्यमंत्री से की शिकायत, भूमाफिया और बिल्डर्स की तलाश में छापेमारी

Sep 19, 2024 - 21:16
Sep 19, 2024 - 21:19
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वृंदावन में 300 पेड़ रातों-रात मशीनों से काट डाले, एनजीटी स्तब्ध

वृन्दावन। धर्म नगरी वृंदावन में मुख्य छटीकरा रोड के किनारे 300 से ज्यादा हरे भरे दरख्त (वृक्षों) को 18 व 19 सितम्बर की मध्य रात  मशीनों से काटने से हाहाकर मचा हुआ है। रमणरेती मार्ग स्थित वैष्णोदेवी मंदिर के सामने खड़े यह हरे-भरे वृक्ष वृन्दावन की शोभा थे, जिन्हें उजाड़ दिया गया।

 जिस जमीन से पेड़ काटे गये हैं, वह जमीन लगभग 50 अरब रुपये की है। वहां 80 हजार रुपये प्रति वर्ग गज के रेट की जमीन है। यह वैष्णो देवी मंदिर के ठीक सामने की जमीन है। पेड़ काटने वाले यह जानते हैं कि एनजीटी से अनुमति मिलने में दस साल लग सकते हैं, तब तक जमीन को बेच कर अरबों रुपये कमाए जा सकते हैं।

सांसद हेमामालिनी बहुत क्षुब्ध हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से शिकायत की है। भूमाफिया और बिल्डर्स की तलाश में छापे मारे जा रहे हैं। इस घटना से साधु संत और आम जनता अब प्रशासन, वन विभाग, विद्युत विभाग और पुलिस से सवाल पूछ रहे हैं कि आखिर ये हरे भरे वृक्ष किसने रातों रात काट डाले? वृन्दावनवासी  इसे अधर्म और अत्याचार की संज्ञा दे रहे हैं। 

आरोप है कि मथुरा के कुछ भूमिफिया व कॉलोनाइजर ने इस कृत्य को किया है। वन विभाग के ढीले रवैये से इसकी निगरानी नहीं हो पायी, जिसके कारण वृक्ष काटे गये। एनजीटी ने भी यह संज्ञान लिया है।

पता चला है कि जेसीबी मशीनों को लाकर 150-200 अज्ञात लोगों ने खाली जमीन में आकर वृक्षों को काटना शुरू कर दिया। बरसात का मौसम होने के कारण आसपास रहने वाले बस्ती के लोग रात्रि में निकल नहीं पाये। बताते हैं कि 12.30 बजे से सुबह पांच बजे तक ये वृक्ष काटने की घटना को अंजाम दिया गया। 

 बताते हैं कि शहर के एक धन्नासेठ व बिल्डर का काफी समय से डालमिया की इस जमीन को लेकर सौंदा चल रहा था, जिसके बाद इस पूरे घटनाक्रम को अंजाम दिया गया। सवाल यह उठता है कि वन विभाग की निगरानी और पुलिस की चौकसी  कहां चली गयी? काफी समय से मामला उठ रहा था, तब भी पुलिस ने इसका संज्ञान नहीं लिया। वन विभाग भी मिलीभगत में शामिल लगता है।

 रात्रि में लोगों ने बताया कि बिजली अचानक बंद कर दी गयी और उसके कुछ देर बाद पेड़ काटे गये। इससे प्रतीत हो रहा है कि विद्युत विभाग से भी सांठ-गांठ की गयी। वृन्दावन की शोभा और साधु-संतों के रूप में इन वृक्षों को ब्रजवासी देखते रहे हैं। साधु-संत और भागवताचार्य भी कहते हैं कि वृन्दावन के वृक्ष साधुओं के रूप में यहां खड़े हैं। इन्हें उजाड़ना सत्यानाश की जड़ है।

 बताते हैं कि बिल्डर के लोगों द्वारा चाहरदीवारी, बिजली के खंभे भी गिरा दिये गये जिससे इस क्षेत्र में आज दोपहर तक बिजली आपूर्ति ठप पड़ी हुयी है। ।

इस संबंध में उपखण्ड छटीकरा के सहायक अभियंता का कहना है कि अज्ञात लोगों के खिलाफ उनके स्तर से रिपोर्ट दर्ज कराई जा रही है। वहीं वन विभाग के उपनिरीक्षक ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। कहा कि करीब 150 से 200 हरे वृक्ष यहां काटे गये हैं। ऐसे लोगों को नोटिस देकर बुलाया जायेगा और फिर दोष साबित होने पर कठोर कार्यवाही की जायेगी।

 इस संबंध में इस्पैक्टर जैत ने बताया कि वन विभाग की टीम मौके पर सर्वे कर रही है। जांच रिपोर्ट आने के बाद विभागीय तहरीर के आधार पर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की जायेगी। बिल्डर के हौसलों से लगता है कि वह प्रशासन पर हावी है और बड़े- बड़े राजनेताओं से उसके संबंध हैं।

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