दो एसडीएम समेत 30 दोषी जल्द नपेंगे, भू अधिग्रहण में 14.42 करोड़ का चूना लगाया
बरेली। बरेली-सितारगंज फोरलेन हाईवे एवं शहर में रिंग रोड बनाने के लिए अधिग्रहीत की गई जमीन में सरकार को 14.42 करोड़ का चूना लगाने के मामले में दो एसडीएम, एक पीडब्ल्यूडी अफसर, कई लेखपालों व कानूनगो तथा अमीन के अलावा भूमि अध्याप्ति अधिकारी दोषी पाये गये हैं। बरेली के डीएम रविंद्र कुमार ने इस मामले की जांच सीडीओ और एडीएम फाइनेंस से कराई थी। दोनों अधिकारियों ने अपनी जांच में इन अफसरों और कर्मचारियों को इस घपले में लिप्त पाया है। डीएम मामले की रिपोर्ट शासन को भेजने जा रहे हैं। इन अधिकारियों के निलंबन के साथ ही इन पर मुकदमा भी दर्ज हो सकता है। इस घपलेबाजी में एनएचएआई के साइट इंजीनियर और कंसल्टेंसी फर्म के लोगों की मिलीभगत भी सामने आई है।
बरेली के डीएम रविंद्र कुमार के आदेश पर सीडीओ जग प्रवेश और एडीएम फाइनेंस संतोष बहादुर सिंह ने कुल 15 संदिग्ध प्रकरणों की जांच की। इनमें नौ प्रकरणों में अधिग्रहीत भूमि के मुआवजे में गड़बड़ी मिली। दोनों अफसरों ने अपनी जांच में निष्कर्ष निकाला है कि संबंधित अधिकारी और कर्मचारी चाहते तो शासन को 14.42 करोड़ की राजस्व हानि से बचाया जा सकता था। परिसम्पत्ति के अधिक मूल्यांकन के लिए एनएचएआई के साइट इंजीनियर व नामित एजेन्सी साई सत्या ग्रुप और एसए इन्फ्रास्ट्रक्चर कन्सेलटेंसी, तत्कालीन अधिशासी अभियन्ता पीडब्ल्यूडी नारायण सिंह, सहायक अभियन्ता, स्नेहलता श्रीवास्तव, अवर अभियन्ता राकेश कुमार व अंकित सक्सेना एवं अमीन शिव शंकर दोषी पाए गए हैं। नवाबगंज तहसील के तत्कालीन लेखपाल सुरेश सक्सेना, सदर तहसील के लेखपाल उमाशंकर, अमीन डम्बर सिंह, जेई सुरेन्द्र सिंह आदि इसमें दोषी पाए गए।
जांच रिपोर्ट के अनुसार बरेली सदर के गांव वरकापुर में गाला गैलेक्सी के मालिक ममता मनचन्दा, वरुण मनचन्दा, सुनील मनचन्दा का 3.96 करोड़ का प्रतिकर भुगतान का आकलन किया गया, जबकि वास्तविक भुगतान 93,69,279 होना है। गाला वालों से सरकार को 3.2 करोड़ की राजस्व हानि हुई। नवाबगंज के गांव खाईखेड़ा में कमला भारतीय को 15,68,869 रुपये प्रतिकर दिया गया जबकि इनको 5,89,967 का भुगतान होना था। 9,78,902 की धनराशि अधिक दे दी गई। ग्राम रिठौरा में अशोक कुमार गुप्ता, अंजनी देवी, अशोक कुमार गुप्ता को 16 लाख 83 हजार 281 का प्रतिकर भुगतान किया गया, जबकि 6,21,519/- का प्रतिकर देय बन रहा है। इस प्रकार 10 लाख 61 हजार 762/- की अनुमानित राजस्व हानि हुई है।
यही नहीं, नवाबगंज के ग्राम गरगइया की रुखसाना पत्नी शमशाद की जमीन का दो बार अधिग्रहण किया गया। साईं सत्या एवं एसए इन्फ्रास्ट्रक्चर कन्सेलटेंसी, इंजीनियर रविन्द्र गंगवार ने प्रापर्टी की फर्जी वैल्यू दिखाई। झूठी मूल्यांकन रिपोर्ट देकर रुखसाना को दोनों मामलों में 8 करोड़ 58 लाख ,39,227/- का भुगतान किया गया। उनसे 1 करोड़ 68 लाख 87,384 की वसूली की जायेगी।
शाहिद, वाहिद और मुजीब से होगी आठ करोड़ की वसूली
बरेली सदर के गांव सरनिया में मोहम्मद शाहिद मुजीब अहमद, मो. वाहिद को 12 करोड़ 48 लाख 72,386 रुपये प्रतिकर दिया गया। भूमि की प्रतिकर धनराशि 6,05,30,000/- तथा परिसम्पत्तियों के प्रतिकर की धनराशि 5,91,28,514/-(परिसम्पत्तियों के मूल्य का दोगुना) है एवं ब्याज की धनराशि 52,13,872/- है। पूरे मामले में 8 करोड़ 70 लाख 44,133/- की अनुमानित राजस्व हानि हुई।
नवाबगंज में भी करोड़ों की धोखाधड़ी
नवाबगंज के गांव सिथरा में ब्रिक्स पार्टनर/प्रबन्धक महेश चन्द्र के नाम दर्ज है। उनका मुआवजा 3 करोड़ 33 लाख 75,140 का आकलन किया गया। इसमें 2 करोड़ 30 लाख 95,227 की राजस्व हानि हुई। इसके अलावा गलत भू उपयोग परिवर्तन कर ब्रिक्स पार्टनर/प्रबन्धक महेश चन्द्र का 1,38,54,863/- का मुआवजा आकलन किया गया, जबकि कुल 48,69,965/- का प्रतिकर देय होता। इसमें 89 लाख 84 हजार 898/- की राजस्व हानि हुई। नवाबगंज के गांव लभेड़ा उर्फ बुलन्दनगर में अब्दुल शमी खां, अब्दुल वशी खां को 4 करोड़ 54 लाख 095,833 मुआवजा आकलन किया गया। इसमें 2 करोड़ 51 लाख 44,165 की राजस्व हानि हुई। दूसरे मामले में अब्दुल शमी खां, अब्दुल वशी खां को 5 का प्रतिकर भुगतान दिया जाना था। इसमें 2 करोड़ 18 लाख 43,187 की राजस्व हानि हुई है।
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